आईआरडीए का उपभोक्ता मामलों का विभाग एक विनियामक के नजरिए से उपभोक्ता की शिकायतों की निगरानी करता है और इसके निवारण के लिए संबंधित बीमाकर्ता से इस संबंध में बात करता है।
यदि कोई बीमा कंपनी लगातार या गम्भीर विनियामक उल्लंघन करती है, जिनमें उपभोक्ता की शिकायतों से संबंधित मामले भी शामिल हैं, तो आईआरडीए एक परामर्श पत्र, एक चेतावनी पत्र भेज सकती है या उस कंपनी पर दण्ड भी लगा सकती है।