भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने समाज के आर्थिक रूप से असुरक्षित वर्गों के बीच बीमा कवरेज को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म-बीमा (मॉइक्रो-इंश्योरेंस) पॉलिसियों के नाम से बीमा पॉलिसियों की एक विशेष श्रेणी सृजित की है। आईआरडीए सूक्ष्म-बीमा विनियम, 2005, मॉइक्रो-इंश्योरेंस को पारिभाषित और प्रभावी करते हैं।
मॉइक्रो-इंश्योरेंस पॉलिसी यह होती हैः
- रु. 50,000 या इससे कम बीमा राशि वाली एक सामान्य या जीवन बीमा पॉलिसी।
सामान्य सूक्ष्म बीमा उत्पाद निम्न हैं:
- स्वास्थ्य बीमा संविदा
- निम्न निजी वस्तुओं को कवर करने वाली कोई संविदा
- झोपड़ी
- पालतू पशु
- औजार या उपकरण, या
- कोई निजी दुर्घटना संविदा
- ये व्यक्तिगत या सामूहिक रूप में हो सकते हैं
जीवन सूक्ष्म बीमा उत्पाद निम्न हैं:
- प्रीमियम की वापसी के साथ या इसके बिना कोई सावधि बीमा संविदा
- कोई एँडोमेंट बीमा संविदा, या
- कोई स्वास्थ्य बीमा संविदा
- ये किसी दुर्घटना लाभ राइडर के साथ या इसके बिना हो सकते हैं, तथा
- व्यक्तिगत या सामूहिक रूप में हो सकते हैं
जीवन तथा सामान्य बीमा कवर्स को एक साथ सम्मिलित करने वाले सम्मिश्र कवर या पैकेज उत्पाद प्रस्तावित करने वाले बीमाकर्ताओं को विनियमों में छूट दी जाती है
मध्यस्थः
सूक्ष्म बीमा व्यवसाय, निम्न मध्यस्थों द्वारा किया जाता हैः
- गैर-सरकारी संगठन
- स्वयं-सहायता समूह
- सूक्ष्म-वित्त (मॉइक्रो-फाइनेंस) संस्थान
मॉइक्रो-इंश्योरेंस के बारे में अधिक पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें